Saturday, January 1, 2011

देश का नया नारा ! जय नेता -- जय अभिनेता .....>>> संजय कुमार

हमारे इतिहास पुरुषों ने हमें ऐसे कई नारे दिए हैं , जिन्हें सुनकर रग - रग में खून का संचार होने लगता था ! देश पर, मर मिटने का जज्बा भर देते थे दिलों में , "वन्दे-मातरम् " इन्कलाब जिंदाबाद " जय -हिंद " ये वो नारे थे जिन पर हमारे देश का हर नागरिक अपनी जान न्योछावर तक करने से पीछे नहीं हटता था ! वन्दे मातरम , जय हिंद , इन्कलाब जिंदाबाद , आज से १०० वर्ष पहले जब इस तरह के नारे लगते थे तो सारा भारतवर्ष अपने आप को गोरवान्वित महसूस करता था ! कई क्रांतिकारी इन्ही बोलियों से जाने जाते थे ! आज हम रहें या ना रहें ये वो नारे हैं जो सदा अमर रहेंगे ... कित्नु ये सब नारे आज इतिहास बनकर रह गए हैं, वो इतिहास जिनका अस्तित्व इस आधुनिक दुनिया की चकाचौंध में लगभग समाप्ति की ओर है !

देश आजाद हुआ और फिर नए नए नारे ईजाद किये गए जैसे लाल बहादुर शाश्त्री जी ने " जय जवान- जय किसान " का नारा दिया था ! उस वक़्त देश में इस नारे का बहुत महत्त्व था ! बहुत सोच-विचारकर इस नारे की रचना " शास्त्रीजी" ने की होगी ! जब इस नारे की रचना की गयी थी तब सब कुछ इन्हीं दोनों पर केन्द्रित था ! एक समय था जब किसानों को और जवानों को देश का सबसे बड़ा रक्षक माना जाता था ! हम सब इन दोनों को देश की धुरी कहते थे ! हमारी सरकार आज इन्हें भूल गयी होगी पर हम आज भी नहीं भूले " जय जवान - जय किसान " को ! फिर चाहे आज हमारी सरकार इन्हीं पर अपनी राजनितिक रोटियां सेंककर अपनी सरकार चला रही हो ! देश के ईमानदार लोग आज भी इनकी असलियत और हिम्मत को जानते और पहचानते हैं ! खैर हम अपने मुद्दे पर आते हैं आज देश में तीन लोगों का डंका बज रहा है ! नेता - अभिनेता और साधू-संत , इनमें से साधू -संतों को हटा देते हैं ! क्योंकि आज कुछ भ्रष्टाचारी और कलंकित साधुओं की बजह से कईयों की हालत पतली है ! अब आते हैं नेता और अभिनेता पर, जो आज देश को चला रहे हैं ! आज हर जगह देश में चाहे , अखबार , टेलीविजन , समाचार, पत्र-पत्रिकाओं में बस यही दोनों छाये हुए हैं ! नेता तो इस कदर छाये हुए हैं जिसका अंदाजा लगाना कोई कठिन काम नहीं है ! क्योंकि अब तो हर दिन कोई ना कोई बड़ा घोटाला हमारे सामने आ जाता है , किसी ना किसी बड़े नेता का नाम आज भ्रष्टाचार में ऐसे लिया जाता है जैसे मंदिर में " राधे-श्याम " और " सीता-राम " का नाम ! पिछले ३ दशकों में हमारे जेहन में नेता, राजनीति , घोटाले , भ्रष्टाचार ऐसे घर कर गए हैं जो शायद ही कभी हमारे दिलो -दिमाग से हट पाए ! यूँ भी कह सकते हैं जैसे आज अंग्रेजी हमारे घरों में घर कर गयी है ! अंग्रेजी को जैसे आधुनिक दुनिया की जरूरत बना दी गयी है वैसे ही नेता आज की जरूरत या मजबूरी बन गए हैं ! इन्सान के जीते जी तो राजनीति होती ही है , यहाँ तो मरने के बाद भी बर्षों तक उस मरने बाले के नाम पर नेताजी राजनीति कर लेते हैं ! जय हो आज के भगवान् नेता की, सुनलो अरज हमार भी , तुम्हीं ने देश को तारा ( बेच डाला ) अब हमें भी तारो हे तारणहार ..........

जैसे नेता हमारे दिलों में बस गए है वैसे अभिनेता भी आज घर घर में राज कर रहे हैं ! अब हर दिन हमारे घरों में भगवान् की प्रार्थना की जगह " मुन्नी बदनाम " होती है तो "शीला की जवानी " भी देख लेते हैं ! कभी "BIG-BOSS" की डौली बिंद्रा की फूहड़ आवाज तो कभी उसके द्वारा दी जाने बाली गलियों को याद करते हैं ! कभी सास-बहु सीरियल के कारण सास -बहु के बीच झगडे , कभी " राखी का स्वयंवर " तो कभी " राखी का इंसाफ " के कारण आम लोगों के साथ नाइंसाफी ! कभी KBC के लिए पागलपन का जूनून तो कभी " सलमान-कटरीना " के प्यार के किस्से , अब आम जन की चर्चा का विषय बने हुए हैं ! आज हमारी युवा पीढ़ी की रग-रग में अभिनय और अभिनेता, खून की तरह दौड़ रहे हैं ! आज युवा अपनी प्रेम कहानी और झगड़ों से ज्यादा अभिनेता-अभिनेत्री की प्रेम कहानी में दिल्चस्बी रखते हैं ! अब तो नेताओं की तरह अभिनेता भी चुनाव-प्रचार माफ़ कीजिये फिल्म प्रचार करने में लगे रहते हैं ! कुछ अभिनेताओं का तो वश नहीं चलता वर्ना लोगों को पकड़-पकड़कर अपनी घटिया फ़िल्में दिखाएँ, वह भी बिलकुल मुफ्त में ! लेकिन आज के मतदाता और दर्शक इन दोनों से ज्यादा सयाने और चतुर हो गए हैं ! यह १००% सत्य है , आज का नेता वास्तव में अभिनेता ही होता है ! क्योंकि आज के नेताओं की कार्य शैली में सिर्फ अभिनय रह गया है , जिसे सारा देश बखूबी जानता है !

आज , जब देश के बच्चे- बच्चे की जुबान पर नेता और अभिनेता है , और जो आने बाली सेंकडों पीढ़ियों तक रहेगी , तो फिर आज हमारी सरकार को जल्द अब इस नए नारे की विधिवत घोषणा या एलान कर देना चाहिए ....... देश का नया नारा !

जय नेता -- जय अभिनेता ...... जय नेता - जय अभिनेता
धन्यवाद

13 comments:

  1. bahut sarthak lekh, yatharth ke dharatal par.
    kash naye saal me kuchh achchha ho!

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  2. बहुत सार्थक लेख ...

    नव वर्ष की शुभकामनाएँ

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  3. जय हो, हम आपके पीछे हैं।

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  4. सार्थक लेख ...
    नव वर्ष आपके लिए मंगलमय हो...
    हार्दिक शुभकामनाएं

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  5. आपसे सहमत। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।

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  6. लेख बहुत अच्छा है। विचारणीय है।आपको भी नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !

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  7. bahute badhiya likha hai Sanjay ji.. punah navvarsh ki badhaai.

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  8. बहुत सार्थक लेख ...

    नव वर्ष की शुभकामनाएँ

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  9. कुछ अभिनेताओं का तो वश नहीं चलता वर्ना लोगों को पकड़-पकड़कर अपनी घटिया फ़िल्में दिखाएँ, वह भी बिलकुल मुफ्त में !

    हा...हा..हा.....बहुत खूब .....!!

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  10. सार्थक लेखन व नव वर्ष कि मंगल कामनाएं स्वीकारें

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