Tuesday, October 23, 2012

विजयदशमी पर हम सभी को विजय चाहिए ... ( दशहरा पर्व ) ....... >>> संजय कुमार

आप सभी साथियों को विजयदशमी, दशहरा पर्व की हार्दिक शुभ-कामनाएं !
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जैसा की हम जानते हैं कि , विजयदशमी , दशहरा , रावण दहन पर्व हम विजय उत्सव के रूप में मनाते हैं ! असत्य पर सत्य की जीत , अधर्म पर धर्म की जीत, बुराई पर अच्छाई की जीत , नारी सम्मान की जीत , के रूप में कई बर्षों से मनाते आये हैं और आगे भी मनाते रहेंगे क्योंकि विजयदशमी का पर्व तो सिर्फ एक दिन मनाया जाता है ! क्या रावण का अंत करने के साथ ही झूंठ -बुराई , अधर्म और अत्याचार  का अंत हो गया ? क्या बुराई रुपी रावण ( पुतला ) का दहन करने से सब कुछ खत्म हो जायेगा ? जी नहीं कुछ भी खत्म नहीं होगा ! आज भी हमारे आस-पास सौ सिरों वाले अनेकों रावण उपस्थित है जो " रामायण " के रावण से कहीं अधिक ताकतवर और शक्तिशाली हैं ! रावण में शायद उतनी बुराइयाँ नहीं थीं जितनी कि आज के रावणों में है ! दशानन लंकेश तो अपनी शक्ति के मद में चूर था , उसे सच का ज्ञान था उसे पता था कि " श्रीराम " के हांथों उसका अंत होना है फिर भी उसने बुराई और अधर्म का सम्पूर्ण नाश करवाने के लिए ऐसा किया ! आज अगर हमें सही मायने में विजयदशमी का पर्व और उसकी उपयोगिता को समझना है तो हमें अपने आसपास व्याप्त झूंठ-फरेब , बुराई , असत्य , पाप-दुरचार, को मिटाना होगा ! हमें अपने आस-पास का माहौल अच्छा बनाने के लिए , अपनों की ख़ुशी के लिए , अपना जीवन सुखमय बिताने के लिए अपने अन्दर से अहम् , काम , क्रोध , लालच , मोह को पूरी तरह त्यागना होगा ! क्योंकि ये भी दशानन , रावण का ही एक रूप है ! जिस तरह प्रभु " श्रीराम " ने रावण का अंत कर इस दुनिया से असत्य , अधर्म और बुराई का अंत किया था ठीक उसी प्रकार अब हम सबको अपने जीवन में " राम " बनना होगा और इन समस्त बुराइयों का अंत करना होगा ! आज इस देश में ऐसे रावणों का बोलबाला है जिनके अंत के लिए कई राम प्रयासरत है किन्तु इनकी शक्ति देखकर तो ऐसा लगता है जैसे इन्होने " अमृतपान " किया हो , जैसे कभी इनका अंत ही नहीं होगा , हमें इन पर कभी विजय प्राप्त नहीं होगी ! ये आज रावण है जिसे हम " भ्रष्टाचार " के नाम से जानते हैं ! इस भ्रष्टाचार रुपी रावण से इसके अनेकों शीश उत्पन्न हुए है ....... गरीबी ,  बेरोजगारी , कुपोषण , घोटाले , बेईमानी , आतंकवाद , नक्सलवाद और सबसे बड़ा रावण मेंहगाई जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया ...... क्या इस विजयदशमी पर्व पर हमें इन रावणों पर विजय प्राप्त होगी ? यदि इनमें से हम किसी भी एक रावण पर विजय प्राप्त कर लें तभी कहलायेगा सही मायने में विजयदशमी , दशहरा पर्व !   
क्या आप रावण का दहन करने से पहले अपने अन्दर के रावण का दहन करेंगे ? क्या आप चहुँ ओर व्याप्त रावणों का अंत कर उन पर विजय प्राप्त करेंगे ?  यदि ऐसा करेंगे तो सच में आप कहलायेंगे विश्व विजेता 

आप  सभी को विजयदशमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं

जय श्रीराम ------ जय श्रीराम ----------- जय श्रीराम 



धन्यवाद

2 comments:

  1. काश इस बार रावण का संहार हो जाये । शुभकामनायें ।

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  2. me to sochti hoon shayad kabhi na kabhi hoga jarur

    aapko ye din bahut bahut shubh ho
    rachana

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