धर्म और आस्था का अंतिम और सबसे बड़ा केंद्र भगवान का घर जिसे हम मंदिर ,मस्जिद गुरुद्वारा और चर्च के नाम से जानते हैं ! यहाँ पर इंसान अपनी हजारों ख्वाहिशों की पूर्ती , मनोकामना और आस लेकर आता है और ईश्वर के समक्ष अपनी विनती और प्रार्थना करता है ! इंसान छोटा हो या बड़ा , अमीर हो या गरीब , उच्च जाति का हो या निम्न , भगवान की नजर में सब एक हैं ! हाँ हमने जरुर भगवान को श्रेणी में बदल दिया है ! अमीरों के भगवान् और गरीबों के भगवान् ! ( गरीब तो तभी भगवान के पास जाता है जब वो दुखी बीमार और परेशानियों से त्रस्त होता है , अमीर भी तब जाता है जब उसे भगवान की कभी याद आ जाती है ! खैर जाने देते हैं ! यहाँ जिस विषय पर मैं आपसे बात करना चाहता हूँ उस बात पर आते हैं ! इंसान अपने आप को सिर्फ एक जगह सुरक्षित मानता है और वो जगह है , ईश्वर का द्वार मंदिर और मस्जिद ! किन्तु इस कलियुग में इंसान आज कहीं भी सुरक्षित नहीं है ! ताजा घटना ( ग्वालियर ) की है जहाँ एक कामुक , दुराचारी और इंसानियत के नाम पर कलंक एक व्यक्ति ने एक सात बर्षीय मासूम बालिका के साथ बलात्कार जैसा घिनौना अपराध कर दिया और वो भी एक मस्जिद के अन्दर ले जाकर ! मासूम बच्ची रोती बिलखती रही किन्तु उस वहसी इंसान के हांथों से वह ना बच सकी ! उस मासूम पर उसे दया तक नहीं आई ! यह सब कुछ हुआ ईश्वर के सामने , उस ईश्वर के सामने जिस पर हम आज भी कहीं ना कहीं आस लगाये रहते है ! आज भी ईश्वर चुप्पी साधे बैठा रहा ! यह कोई एक अकेली घटना नहीं है ! इस तरह की घटनाएं अब आम हो गयी हैं फिर चाहे मंदिर हो या मस्जिद , यहाँ पर भी पाप,अत्याचार और दुराचार जैसे इंसानियत को शर्मसार करने वाले कार्य हों रहे हैं ! कुछ दिनों पहले की एक घटना है ! एक 8 बर्षीय बालक प्रतिदिन की तरह मंदिर गया और एक घटना उस बालक के साथ घट गयी , उस मंदिर के अधेड़ पुजारी ने प्रसाद देने के बहाने, मंदिर के समीप बने कमरे में बालक को ले गया और उसके साथ अप्राकृतिक दुष्कृत्य कर डाला ! कहा जाता है इंसान की हवस कुछ नहीं देखती उम्र , रिश्ते -नाते , सम्बन्ध , अपना-पराया , पाप-पुन्य , अच्छा-बुरा यहाँ तक की इंसानों ने जानवरों तक को नहीं छोड़ा ! आज देश में मासूमों की क्या स्थिती है ? यह हम सब जानते हैं देश , शहर , गाँव , क़स्बा , मोहल्ला यहाँ तक की अपने घरों में भी मासूम सुरक्षित नहीं है ! कभी पिता ,चाचा , मामा , काका, बाबा, भाई सबने मिलकर हवस में अंधे होकर इंसानी रिश्तों को तार-तार किया ! जब बच्चे - बच्चियां अपने घर और मंदिर तक में सुरक्षित नहीं है तो फिर कहाँ सुरक्षित है ? धर्म के नाम पर होने वाली अश्लीलता , मंदिर -मस्जिद, गुरुद्वारा - चर्च पर होने वाली लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़ सब कुछ जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है ! इस तरह का अपराध करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए वो भी बीच चौराहे पर आम जनता के सामने !
क्या मंदिर-मस्जिद में बैठा भगवान उसके घर में होने वाले पाप से हमारी रक्षा करेगा या यूँ ही चुपचाप बैठे देखता रहेगा ?
धन्यवाद
शर्मसार कर देने वाली घटना।
ReplyDeleteकुत्सित मानसिकता वाले लोग पवित्र स्थानों को भी नहीं बख्शते हैं...यह दुर्भागेयपूर्ण है।
ReplyDeleteशर्मसार शर्मसार शर्मसार शर्मसार शर्मसार शर्मसार
ReplyDeleteइस तरह का अपराध करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए वो भी बीच चौराहे पर आम जनता के सामने !
ReplyDelete.....बिलकुल सही आपने संजय जी !
ताजा घटना ( ग्वालियर ) की है जहाँ एक कामुक , दुराचारी और इंसानियत के नाम पर कलंक एक व्यक्ति ने एक सात बर्षीय मासूम बालिका के साथ बलात्कार जैसा घिनौना अपराध कर दिया और वो भी एक मस्जिद के अन्दर ले जाकर !
ReplyDeleteधिक्कार है .....!!
कहाँ हैं इस धर्म के ठेकेदार .....?
Uf!!Pata nahee,ye aadamee namak jaanwar kahan aur kaise,kaise zulm dhata hai!
ReplyDeleteजब इंसान की खाल पहने शैतान घूमेंगे तो और क्या उम्मीद कर सकते हैं?? बड़े बदलाव की जरूरत है..
ReplyDeleteआपके ब्लॉग पे आया
ReplyDeleteबहुत ही बढ़िया पोस्ट है
बहुत बहुत धन्यवाद|
ऐसे लोगों को जीने का कोई हक़ नही बनता | ये इन्सान के रूप में शैतान हैं |
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ऐसे पाक जगहों पर अच्छे कार्य नहीं हो रहे है ......इसीलिए भगवान भी उस जगह को छोड़ दूर चले गए है !बिलकुल चिंताजनक कुकृत्य !
ReplyDeletemain humesha se ek baat kahta hun... "bhagwaan par vishwaas sabse bada andh-vishwaas hai"... kyon use dosh de rahe hai jiska koi astitva nahi... bhagwaan ka astitva hota to kya wo baabri na bacha leta, akshardhaam mein begunaah marne walon ko na jila deta... maine bhagwaan par hi ek kavita likhi thi jise 2005 mein "Saahitya Amrit" mein jagah bhi mili thi... us kavita ko jald hi aap logon ke saamne apne blog pe le kar aaunga....
ReplyDeleteबहुत अच्छा मुद्दा उठाया आपने ------- बधाई.
ReplyDeleteक्या मंदिर-मस्जिद में बैठा भगवान उसके घर में होने वाले पाप से हमारी रक्षा करेगा या यूँ ही चुपचाप बैठे देखता रहेगा ?
ReplyDeletesanjay ji sirf itna kahna chahunga ki kisi khuda ka kaam ye nahi hai wo paap badhne de ya ghatne.......prathmik dayitwa aapka aura hamara hai ki hum logo ki sankeerna maansikta ko badle aur achhe aur saatwik vicharon ka prachar prasaar karen.............
warna fir kal koi kahe ki raam bharose chal raha hai....
"HAME RAAM RAJYA CHAHIYE LEKIN RAAM BHAROSE NAHI CHAHIYE"
kisi khuda ko dosh dene se behatar insaan apne vicharon aur soch ko ucha banaye........
असल में ईश्वर तो केवल हमारी आस्था का प्रतीक है. इंसानों ने ही उसे मन्दिर-मस्ज़िद उपलब्ध करा दिये हैं. ऐसी किसी भी घटना के लिये ईश्वर उत्तरदायी नही है. शर्मनाक घटनाओं पर ईश्वर भी शर्मिंदा होता ही होगा, लेकिन ये राक्षसी वृत्ति वाले इन्सान शर्मिंदा नहीं होते. निंदनीय घटना.
ReplyDelete" आसमां पे है खुदा और ज़मीं पे हम
ReplyDeleteआजकल वो इस तरफ देखता है कम "
---नहीं तो दुष्कर्म की सज़ा अवश्य देता !