Thursday, March 25, 2010

क्या हम फिर से गुलाम होते जा रहे हैं .............

आज़ादी के पूर्व हम सब अंग्रेजों की गुलामी में जीवन व्यतीत कर रहे थे ! इस गुलामी से आज़ादी पाने के लिए कितने इतिहास बने ये हम सब जानते हैं ! कितने ही वीरों ने अपने प्राणों की कुर्बानियां दी ! कई आन्दोलन चलाये गए तब जाकर हम गुलामी की जंजीर से आजाद हुए ! हमें धन्यवाद देना चाहिए उन सभी को जिनके कारण आज हम सब खुली हवा मैं साँस ले पारहे हैं ! आज़ादी से सब कुछ कर रहे हैं !
अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाने के लिए कई हथकंडे अपनाये, चाहे हमें आपस मैं लड़ाया हो, धन दौलत का लालच या, अपने यहाँ ही गोरी चमड़ी बाली नर्तकियां, ये सरे हथकंडे अपनाके हमें अपना गुलाम बना रखा ! और हम लम्बे समय तक इन सब के मोह जाल मैं फंसे रहे ! और इसका पूरा फायदा इन अंग्रेजों ने उठाया ..........
और आज फिर से हम इस गोरी चमड़ी के मोहजाल मैं फंसकर इनके गुलाम होते जा रहें हैं ! इसका उदाहरण हम सब आज देख रहे हैं! आज हम देख रहे हैं की आज की बड़ी बड़ी महफ़िलों मैं इनका बढता चलन , जहाँ देखो बस ये ही नजर आ रही हैं ! आज किसी नेता का जन्मदिन हो या कोई रंगारंग कार्यक्रम बस यही चाहिए ! आज हमारे गाँव के चौपालों पर इन्हें आप कभी भी देख सकते हैं ! ज्यादा दूर मत जाइये आज के मनोरंजन जगत मैं इनकी एक बड़ी महफ़िल जमी रहती है ! आज जिसे देखो वो इनके पीछे भाग रहा है ! आज हम किर्केट मैं इसका चलन देख रहे हैं हम जिन्हें cheerleader के नाम से जानते हैं ! आज हमारे यहाँ इनके चलन को कुछ लोग अच्छे रुतबे की निशानीकहते है, तो कोई इसे अपनी परम्परा कह रहा है! कहते हैं की हमारे पूर्वज मनोरंजन के लिए विदेशों से नर्तकियां बुलाते थे, इस लिए ये परम्परा चल रही है ! जहाँ हम लोग इस देश की बार बालाओं को अच्छी द्रष्टि से नहीं देखते वहीँ पर हम लोग इन पर करोड़ों रूपए लुटा रहे हैं ! क्या ये गुलामी की मानसिकता नहीं है !

क्या आज हमारे देश मैं नर्तकियों की कमी है, नहीं आज हमारे देश मैं इनसे ज्यादा अच्छे नर्तक है! पर ये सारे आज दर दर की ठोकर खा रहे हैं ! और हम फिर से इन अंग्रेजों के गुलाम होते जा रहे हैं ! थोडा सा सोचिये

एक छोटी सी बात


धन्यवाद

1 comment:

  1. cheerleaders ka cprachlan hi galat hai aur anavashyak hai.. ek aur sundar lekh ke liye aabhar..

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