Friday, August 13, 2010

आजाद हैं पूरी तरह , सब कुछ करने को .....>>> संजय कुमार

कहते हैं जबसे हमारा देश आजाद हुआ है, और हम अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुए हैं तब से इस देश के लोगों ने आजादी का सही मतलब जाना ! और सही भी है एक आजाद इन्सान बह सब कुछ कर सकता है, जो गुलाम होकर नहीं कर सकता था ! उसे अपनी बात सबके सामने रखने की आजादी होती है ! कहीं भी कुछ भी कर सकता है वह भी पूरी आजादी के साथ ! जब से हमें अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली है तब से एक बात हर आम इन्सान की जेहन में रहती हैं कि हम सब आजाद हैं पूरी तरह सब कुछ करने को ! बिना रोक-टोक, अच्छे -बुरे का परिणाम सोचे बिना......

पिछले ६० वर्षों से भी अधिक समय हो गया हमको आजाद हुए ! आज हर कोई आजाद है सब कुछ कहने को किसी की जुबान पर आज कोई ताला नहीं है ! जिसको जो बकना है बक रहा है पूरी आजादी के साथ बंधनमुक्त होकर ! आज जिसे देखो सब कुछ खुल्लम- खुल्ला कर रहा है पूरी आजादी के साथ ! देश में ढोंगी साधू-महात्मा धर्म के नाम पर, आध्यात्म के नाम पर भगवान् को बेच रहे हैं ! बेच रहे हैं अबलाओं की इज्जत, खा रहे हैं इन्सानी चमड़ी ( जिश्म्फरोशी ) की कमाई सब कुछ पूरी आजादी के साथ ! देश के बड़े बड़े राजनीतिज्ञ, मंत्री आजाद हैं, सब कुछ करने को, आजादी के साथ बेच रहे ईमान बेच रहे देश, फैला रहे भ्रष्टाचार, घूसखोरी, और रिश्वतखोरी , कर रहे सौदा इंसानों का, उनको खरीदने और बेचने का, पूरी आजादी के साथ ! कभी खेल के नाम पर, कभी मनोरंजन और रियलिटी शो के नाम पर ! बेच रहे हैं सब कुछ पूरी आजादी के साथ ! आज हम आजाद हैं .... वह सब कुछ करने को जिसे रोकने -टोकने हिम्मत किसी में भी नहीं है ! आज पश्चिमी सभ्यता आजाद है हमारे देश में अपने पैर पूरी तरह फ़ैलाने को, आज हम आजाद हैं जिस्म दिखाऊ सभ्यता को अपनाने के लिए , विदेशी ताकतें आजाद हैं फिर से गुलाम बनाने के लिए ! आज हमारे बच्चे आजाद हैं पूरी तरह अपने माँ-बाप का अपमान करने के लिए, आजाद हैं नसे की दुनिया में जाने के लिए, आजाद हैं अपना भविष्य बनाने और बिगड़ने के लिए ! आज आतंकवाद आजाद है पूरी तरह अपने पैर पसारने के लिए ! आज पूरी तरह आजाद हैं अनेकों बीमारिया इन्सान को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए ! आज देश में बह सब लोग पूरी तरह से आजाद हैं , जो इंसानियत, समाज, और राष्ट्र को डुबोने के लिए पूरी तरह हमेशा तैयार रहते हैं ! असलियत में आजादी का असली रूप तो ऐसे ही लोग जानते हैं ! यही लोग आज पूरी तरह से आजाद हैं ! हम सब तो कहीं ना कहीं गुलाम और कैद हैं अपनी परिस्थितियों और हालातों से .......

आज देश में आम इन्सान आजाद नहीं हैं ! आम इन्सान कैद है अपनी समस्याओं में ! गुलाम है दकियानूसी प्रथा और रीति -रिवाजों का ! आज तक आजाद नहीं हुआ उस विकृत मानसिकता का जो इंसानियत पर एक बदनुमा दाग लगाती हैं ! आज भी आजाद नहीं है वह औरतें जो दहेज़ लोभी घरों में कैद हैं, सिर्फ किसी के लालच के कारण ! आम आदमी आजाद नहीं है, आज के दूषित वातावरण में ! आम इन्सान भूल गया अपनी असली आजादी का मतलब !

क्या आप आजाद हैं ? सब कुछ करने को

स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई एवं शुभ-कामनाएं

धन्यवाद

9 comments:

  1. आम इन्सान भूल गया अपनी असली आजादी का मतलब !

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  2. काफी अच्छा विश्लेषण किया आजादी का... फिर भी यही कहूँगा कि आजादी दिवस की शुभकामनाएं.. :)

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  3. और हाँ नया बैकग्राउंड बहुत सुन्दर है.. बधाई..

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  5. आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

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  6. ... behatreen ....svatantrataa divas kee badhaai va shubhakaamanaayen !!!

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