Friday, August 14, 2015

नेता तुम्हीं हो कल के .( आजादी का पर्व , स्वतंत्रता दिवस बधाई ,शुभ-कामनाएं ) ...>>> संजय कुमार

हम भारतवासी अंग्रेजों से अपनी आजादी की ६८ बीं सालगिरह का जश्न मना रहे हैं ! आजादी के इस पर्व को मनाने के लिए हम उन सभी वीर-सपूतों , क्रांतिकारियों , स्वतंत्रता सेनानियों को शत शत नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों का वलिदान देकर इस मातृभूमि को अंग्रेजी सरकार से आजाद कराया था ! 
१९६१ में आई दिलीप साहब - वैजन्ती मालाजी  की फिल्म " गंगा -जमुना " का ये गीत " इंसाफ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के , ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के " .... पिछले ५३ सालों से लगातार हम इस गीत को सुनते आ रहे हैं , और आगे भी सुनते रहेंगे ,  सिर्फ और सिर्फ  स्वतंत्रता -दिवस, गणतंत्र -दिवस , गांधी जयंती और ऐसे ही किसी अन्य " राष्ट्रीय पर्व " पर ! पिछले ३०-४० सालों में हमारे देश की राजनीति में जो तेजी से बदलाव आये हैं वो हमारे लिए एक चिंतनीय विषय है ! जिस तरह की राजनीति आज हमारे देश में चल रही है , उससे इस देश का कम  नेताओं का भला कुछ ज्यादा हो रहा है ! हंगामा , विरोध , बयानबाजी , स्तरहीन शब्दों का प्रयोग , धर्म-मजहब , हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा , पक्ष -विपक्ष का गैर जिम्मेदार रवैया , संविधान का मजाक , कानून से खिलवाड़ ये सभी आज की गन्दी राजनीति का एक अहम हिस्सा है , इसके बिना शायद ही हम आज के नेता और राजनीति की कल्पना कर सकें ! पिछले ३०-४० दशकों में इस देश में जो भ्रष्टाचार , घोटाले  और जनता के साथ विश्वासघात हुए हैं उसे देखते हुए आज देश की जनता में नेताओं और राजनीति को लेकर एक अविश्वास का माहौल व्याप्त है ! लेकिन ये भी सच है कि , पिछले कुछ बर्षों में देश की राजनीति में " युवाओं " का आगमन बहुत तेजी से हुआ है शायद इस देश का युवा जाग्रत हो गया है  और जो इस देश से भ्रष्ट और गन्दी राजनीति का सफाया कर सके , या फिर अपनी आधुनिक और युवा सोच से भ्रष्ट राजनीति में कोई बदलाव ला सके ! या फिर आज का युवा राजनीति में अपना भविष्य सिर्फ  पावर , अत्यधिक पैसा और  ऐशो-आराम के लिए देख रहा है ! खैर ये तो वक़्त बताएगा कि , आज का युवा कितना शशक्त और जिम्मेदार है ! सच तो ये है कि , आज भी हिंदुस्तान का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसे युवाओं का है जो इस देश के नेताओं और राजनीति से कोई सरोकार नहीं रखती , बल्कि राजनीति को बहुत ही घृणित दृष्टि से भी देखती है , ऐसा इसलिए भी है,  क्योंकि ऐसे कई युवाओं का इस्तेमाल देश के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे  हुए हैं " Use & Throw " कई बार ऐसे  युवा भ्रष्ट राजनीति का शिकार भी हुए हैं जिनसे उनके भविष्य पर एक प्रश्न-चिन्ह सा लग गया !
आज के बच्चे और युवा आने वाले कल का भविष्य हैं जो आगे चलकर इस देश की कमान संभालेंगे IAS-IPS , इंजीनियर , डॉक्टर , वैज्ञानिक, खिलाड़ी , और नेता बनकर इस देश का नाम विश्व स्तर पर रौशन करेंगे ! एक बड़ा सच ये भी है कि , आज कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को नेता  बनने के लिए ना तो प्रेरित करता है और ना ही कोई प्रयास करता है , यहाँ तक की राजनीति के बारे बात तक नहीं करते , सिर्फ " राजनीतिक घरानों " में ऐसा होता है जहाँ सिर्फ " राजनीति " होती है और कुछ नहीं ……… हालांकि नेता बनने के लिए किसी भी प्रकार की शिक्षा और डिग्री की आवश्यकता नहीं होती बल्कि असली नेता तो जन्मजात होते हैं ! सच तो ये है की सच्चा नेता बनना तो एक जज्बा है जो समाज और देश के लिए कुछ करने के लिए दिल से पैदा होता है ! अगर इस देश की तस्वीर बदलनी है , इस देश में फैले भ्रष्टाचार , बेईमानी , घूसखोरी  को खत्म करना है , इस देश में फैले धर्मों के वर्गीकरण , जात -पात का भेद , धर्म के नाम पर बहने वाले खून को यदि रोकना है , दहेज़ प्रथा , कुप्रथा ,तंत्र-मन्त्र के नाम पर दी जाने वाली मासूमों की बलि , समाज में व्याप्त बुराईयों को खत्म करना है तो युवाओं को आगे आना होगा और अपने समाज और देश के लिए तन मन से अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देना होगा ! 
क्योंकि ……………ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के ……… 

एक बार फिर से मैं आप सभी को  " स्वतंत्रता दिवस " की ढेर सारी बधाइयाँ और शुभ-कामनाएं देता हूँ !

जय हिन्द …… वन्दे मातरम् ………  इन्कलाब जिन्दाबाद …… जय हिन्द

धन्यवाद 
संजय कुमार 


Saturday, August 1, 2015

हम और हमारे मित्र …… शुभकामनाएं ( Happy-Friend-Ship Day ) …...>>> संजय कुमार

हम सभी के जीवन में एक दोस्त की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती हैं ! सच्ची दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो इंसान के किसी भी रिश्ते पर भारी पड़ सकता है ! आजकल तो " Facebook - What'sUp " हमारे सभी रिश्तों पर भारी पड़ रहे हैं , कारण आज हमारे जीवन में इंसानी प्रेम और रिश्तों से ज्यादा महत्व इन आधुनिक साधनों का होना , आजकल हमारी दोस्ती अपनों से कम इन मशीनी उपकरणों से ज्यादा है और इसका  कारण भी हम ही हैं शायद, और  निवारण भी , किन्तु क्या ये संभव है ? नहीं ……… क्योंकि हमने अब इसे अपनी दिनचर्या और जरुरत का साधन मान लिया है ! आज इस स्वार्थी दुनिया में हम सिर्फ अपने मतलब के लिए दोस्त चुनते हैं  ! क्यों .... हमारे अंदर से अपनापन का भाव धीरे धीरे क्षीण होता जा रहा है ! अगर दोस्ती के मायने समझो तो बहुत कुछ है , और यदि नहीं समझे तो कुछ नहीं , सिर्फ हाड़ - मांस के बने पुतले हैं हम ! रिश्ता माता-पिता का हो या भाई-बहन का, रिश्ता पति-पत्नि का हो या माँ-बेटे , माँ - बेटी , पिता-पुत्र - पिता -पुत्री का ये अमिट रिश्ते हैं ! किन्तु कई बार यह भी देखा गया है कि, एक सच्चे दोस्त को इन सब रिश्तों में कहीं ज्यादा मान सम्मान दिया गया है ! इसलिए इस रिश्ते को सबसे बड़ा माना जाता है ! यह जरूरी नहीं कि, दोस्त कोई आपके घर के बाहर का हो , वह दोस्त आपके परिवार का कोई भी सदस्य हो सकता है , या फिर सभी सदस्य भी अच्छे दोस्त साबित हो सकते हैं ! एक माँ अपने बच्चे की सबसे अच्छी दोस्त होती है जो उसका हमेशा ध्यान रखती है , उसको गलत राह पर जाने से रोकती है और उसमें अच्छे संस्कारों का बीज रोपित करती है, अच्छे बुरे का ज्ञान कराती है , हर वक़्त उसका ध्यान रखती है और बच्चा भी माँ को एक दोस्त के रूप में लेता हैं और अपनी सारी परेशानी और समस्याएं अपनी माँ के साथ बांटता है , और यह दोस्ती का रिश्ता माँ-बेटे के रिश्ते से कहीं बड़ा होता है ! अगर बचपन में माँ बेटे का रिश्ता एक दोस्त के रूप में बनता है तो यह रिश्ता जीवन भर चलता है और  बच्चा बड़ा होकर भी अपनी बहुत सारी बातें माँ के सामने रखता है और माँ भी उसे सही राह बताती है ! एक पिता भी अपने बच्चे का अच्छा दोस्त होता है वह अपने बच्चे को घर के बाहर की दुनिया के बारे में बताता हैं , सामाजिक, देश और विश्व स्तर पर होने वाली सभी ऊँच -नीच , सच- झूंठ , अच्छा -बुरा , बुरी ताकतों से लड़ने और सही दिशा में कार्य करने की सीख प्रदान करता है ,और साथ साथ उन सभी बुराइयों से उन्हें बचाता है जो उसके बच्चे के वर्तमान और भविष्य लिए हानिकारक हैं ! हमारे पास परिवार के सदस्यों के अलावा बाहर की दुनिया में भी एक अच्छा दोस्त होना बहुत आवश्यक होता है ! आज इंसान का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा हुआ है और ऐसे में एक मित्र का महत्व हमारे लिए ठीक उस तरह है जिस तरह शुद्ध वायु इन्सान के जीवन के लिए अमृत है  , इसीलिए एक सच्चा मित्र किसी जीवनदायक अमृत से कम नहीं है ! आज जिस तरह का वातावरण हमारे आस-पास निर्मित हैं , जहाँ एक-दूसरे पर विश्वास करना बड़ा मुश्किल हैं, जहाँ कोई भी किसी को कभी भी धोखा दे सकता है , अपना बनाकर  हमारी पीठ में छुरा घोंप सकता है , फिर चाहे ऐसे लोग हमारे अपने सगी सम्बन्धी ही क्यों ना हों , इसलिए ऐसे जटिल समय में हम सभी को एक सच्चे दोस्त की आवश्यकता होती है , जो किसी भी हालात और परिस्थियों में हमारी मदद करने को तैयार रहता है और हमें गलत राह पर जाने से रोकता है ! हमारा  सच्चा दोस्त बही होता है जो बिना किसी मतलब के अपनी दोस्ती को निभाता है ! आज जिन लोगों के पास कोई सच्चा मित्र नहीं हैं वह इंसान  इस भीड़ भरी दुनिया का सबसे अकेला प्राणी हैं और उसके लिए दुनिया की कोई भी ख़ुशी बिना दोस्त के अधूरी हैं ! " क्योंकि खुशियां बांटने से बढ़ती हैं और दुःख बांटने से कम होता है "  किन्तु ये भी आजकल हम सभी के नजरिये पर निर्भर करता है ( आजकल लोग खर के कमरों में खुशियां और गम छुपाया करते हैं ) ! एक सच्चा मित्र अपनी सूझ-बूझ से हर वक़्त हमें गलत राह पर जाने से रोकता है, मुसीबत के समय ढाल बनकर हमारी रक्षा करता हैं ! आपके जीवन में अगर अच्छा दोस्त नहीं है  तो कुछ भी नहीं है ! हम सभी ने दोस्ती और मित्रता के सेकड़ों किस्से और कहानियां सुनी हैं जैसे  " राम-सुग्रीव " की मित्रता " कृष्ण -सुदामा " की मित्रता , जिसमे मित्रता के लिए सच्चे समर्पण को देखा गया है , जहाँ उंच-नीच, जात-पात, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब, राजा-रंक जैसी छोटी सोच का कोई स्थान नहीं था , किन्तु जैसे -जैसे कलियुग की शुरुआत हुई , इंसान के दिलों में नफरत की भावना ने जन्म लिया, बुराइयाँ अपने चरम पर पहुंची , जहाँ मित्र की पहचान अपने बराबर के लोगों में की गयी , उंच-नीच का भाव दिलों में भरा गया ,जब से हम अमीर-गरीब का फर्क देखने लगे तब से मित्रता का सच्चा स्वरुप ही कहीं खो गया है या पूरी तरह बदल गया है ! वर्तमान परिवेश में ऐसा लगता है जैसे सच्ची मित्रता कहीं खो गयी है , इसीलिए तो अब मित्रता के उदाहरण देखने को नहीं मिलते , यदि मिलते भी हैं तो वो अब अपवाद हैं ! शायद इसके पीछे हम इंसान  ही हैं जो सही मित्र की पहचान नहीं कर पाते और यदि करते भी हैं तो सच्ची मित्रता निभा नहीं पाते , जिसका खामियाजा भी हम लोगों को ही उठाना पढ़ता है ! आज ऐसे कई उदाहरण हमारे पास हैं जो सही मित्र और मार्गदर्शक ना मिल पाने के कारण अपनी सही राह से भटक गए हैं और बुराई के उस मुकाम तक पहुँच गए जहाँ कोई भी आम इंसान जाना नहीं चाहता ! क्योंकि एक सच्चा मित्र हमारा बहुत बड़ा शुभचिंतक और मार्गदर्शक होता है ! या तो विश्वास नहीं करते और करते हैं तो जरुरत से ज्यादा , हमें हमेशा अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए ! 
एक इंसान के जीवन के साथ कई लोग जुड़े होते हैं वो मित्र, शत्रु कोई भी हो सकता है ! किन्तु मैं आपको इंसान के उन अभिन्न मित्रों के बारे में भी बता रहा हूँ जो इंसान के सिर्फ सच्चे मित्र होते हैं और जो हर स्थिती - परिस्थिति में सिर्फ और सिर्फ इंसान का भला ही करते हैं , किन्तु इंसान उनके साथ कभी भी सच्ची मित्रता नहीं निभाता इसलिए मजबूर होकर ये आज इंसान से उसकी इस करनी का बदला भी ले रहे हैं ! एक इंसान से बदला आखिर कौन ले सकता है , कोई दूसरा इंसान , नहीं और भी हैं जो इंसान को उसके किये का प्रतिफल समय समय पर दे रहा  है ! जी हाँ मैं  बात कर रहा हूँ  हमारे सच्चे दोस्त की ……… जी हाँ हमारे सच्चे दोस्त हैं  " प्रक्रति और पर्यावरण " जो सिर्फ हम इंसानों और इस पूरी कायनात की भलाई के लिए बने हैं , जो हर वक़्त हमारा भला करते हैं ! पेड़ - पौधे , नदियाँ , तालाब , पर्वत , घने जंगल - वन और सभी प्राकृतिक चीजें जो लाखों -करोड़ों बर्षों से एक सच्चे मित्र के रूप में हमारी सहायता कर रहे हैं ! किन्तु हम आज भी इनकी सच्ची मित्रता में बहुत पीछे हैं ! अगर हम इनकी मित्रता का १०% भी बापस कर पाये  तो शायद हम सच्चे मित्र कहलायेंगे ! यदि हम सच्ची मित्रता निभाते तो " भूकम्प - सुनामी - बाढ़ - तूफ़ान - भीषण गर्मी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना अब यूँ हर रोज ना करना पड़ता ! 


क्या आप सच्चे मित्र बनेंगे  ? क्या आप सच्ची मित्रता निभाएंगे ? क्या आप सच्ची मित्रता का मोल चुकायेंगे ? यदि हाँ तो आप कहलायेंगे सच्चे मित्र ! 
आगे बढ़िये और निभाइए सच्ची मित्रता का फर्ज और महसूस कीजिये सच्ची अनुभूति  ?

आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं

( Happy-Friend-Ship Day )

धन्यवाद 

Friday, April 3, 2015

आखिर क्या है जिंदगी ??????? .......... >>> संजय कुमार

आखिर क्या है जिंदगी    ?

कभी धूप , कभी छाँव है जिंदगी 
कभी सुबह तो कभी शाम है जिंदगी !
कभी गम तो कभी ख़ुशी 
कभी मायूस तो कभी हंसी है जिंदगी !
कभी उमंग , कभी तरंग 
कभी सपना , तो कभी बोझ है जिंदगी !
कभी धर्म ,तो कभी मजहब 
कभी हिन्दू , तो कभी मुसलमां है जिंदगी !
कभी आश , कभी निराश
कभी हास , तो कभी परिहास है जिंदगी !
कभी भोली ,  कभी मासूम 
कभी बच्चा , तो कभी जवाँ है जिंदगी !
कभी स्थिर , कभी भागमभाग 
" जीवन की आपाधापी " है जिंदगी !
कभी बीमार , कभी उपचार 
कभी लाभ-हानि , तो कभी व्यापार है जिंदगी !
कभी खौफ , कभी निडर  
कभी भयभीत है जिंदगी !
कभी धोखेबाज , कभी प्रताड़ित 
कभी क़ैद , तो कभी " आज़ाद " है जिंदगी !
कभी सूनी , कभी बेरंग 
कभी बेनूर ,तो कभी रंगीन है  जिंदगी !
कभी ईमान , कभी बेईमान 
कभी सच , कभी झूंठ 
कभी घोटाला ,तो कभी भ्रष्टाचार है जिंदगी ! 
कभी सफलता , कभी ठोकर 
कभी गिरना , तो कभी चढ़ना है जिंदगी !
कभी खूंन , कभी पानी 
कभी इंसानियत , तो कभी शर्मसार है जिंदगी ! 
कभी अपनी , तो कभी परायी 
कभी प्यार , कभी जंग 
कभी " सच " तो कभी " शक " है जिंदगी !
कभी त्याग , कभी समर्पण 
कभी जुदाई , तो कभी अपनापन है जिंदगी !
कभी जिम्मेदार , कभी लापरवाह 
कभी दायित्व , तो कभी साधारण है जिंदगी !
कभी खुली किताब 
कभी अन सुलझी पहेली है जिंदगी !!


आखिर क्या है जिंदगी ??  आखिर  क्या है मुक़ाम जिंदगी का ??

धन्यवाद 
संजय कुमार 




Thursday, March 5, 2015

रंगों को भी किया बदनाम हमने ??? Happy Holi ..........( हैप्पी होली ) ………>>> संजय कुमार

इंद्रधनुष सात रंगों से बना होता है और यही सात रंग इंसान के जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक साथ होते हैं ! इंसान के चरित्र का वर्णन , उसके व्यवहार , अच्छाई , बुराई , ख़ुशी - गम , सुख-दुःख , शांति - अशांति , सहयोग में - विरोध में, हर जगह इन्हीं रंगों की उपमा दी जाती है ! यूँ तो  हर रंग की अपनी एक पहचान होती है , उनका अपना एक अलग महत्व होता है ! जहाँ सफ़ेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है , अहिंसावादी इसी रंग से साये में काम करते हैं ,   तो कभी " विधवा नारी " की साड़ी , " माँ सरस्वती " का परिधान , सकारात्मक ऊर्जा के साथ और भी कई जगह सफ़ेद रंग के महत्व को माना जाता है ! हरा रंग बिखेरता हरियाली, पीला रंग खुशहाली, लाल रंग देता उमंग, गुलाबी बिखेरे गुलाबी छटा और नीला बिखेरे आसमानी घटा , यह सभी रंग कहीं ना कहीं इंसान के जीवन से जुड़े हुए होते हैं ! हमारे जीवन में रंग बहुत मायने रखते हैं ! बेटी के हाँथ पीले होना , बुरे का मुंह काला होना , चेहरे पर लाली तो खेतों में हरियाली , कहीं " नीलकंठ " तो कहीं " पीतांबर " , आजकल इंसान भी गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं ! हमने रंगों को परिभाषित होते देखा है, या यूँ भी कह सकते हैं कि , बदनाम होते देखा है ! एक ऐसा रंग है जो कि इन सभी रंगों से जुदा है और वो रंग " काला "  रंग है , इस रंग की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ,यह रंग अगर किसी और रंग में मिल जाए तो वह रंग अपनी पहचान खो देता है, किन्तु इस  पर कोई और रंग अपना असर नहीं छोड़ पाता ! वैसे देखा जाय तो इस काले रंग को हम सब विरोध का रंग, के रूप में जानते हैं ! हम जब भी किसी चीज का विरोध करते हैं तो इसी रंग का इस्तेमाल करते हैं ! हमने ना जाने कितनी बड़ी - बड़ी समस्यायों में इसी रंग का प्रयोग कर इन समस्याओं का समाधान किया है , इसलिए इस रंग का अपना एक विशेष महत्व है ! किन्तु हमने इन रंगों को भी भला-बुरा नाम दे दिया , इन रंगों को भी बदनाम कर दिया , यहाँ तक की, हमने तो इस काले रंग को मनहूस रंग की उपाधि भी दे डाली , इसे बुराई का रंग, का नाम दे डाला ! आज का कड़वा सच तो ये है कि , अगर किसी गरीब के घर आज कोई लड़की जन्म लेती है तो आज वह उसके लिए एक अभिशाप के जैसा है ! ( हम कितने भी आधुनिक हो जाएँ सच तो यही है )  उस पर यदि उस लड़की का रंग काला हो तो " कोढ़ में खाज " वाली  कहावत चरितार्थ होती है , उस लड़की के साथ उसके काले रंग को जीवन भर कोसा जाता है और यह बिडम्बना है इस काले रंग की , हम इंसान ही हैं जो भेदभाव फैलाते हैं ! धर्म-मजहब के नाम पर , जातिवाद के नाम पर , उंच-नीच के नाम पर ,  शायद रंगों को बदनाम करने के पीछे भी हम इंसान ही हैं ! एक बार शायद राष्ट्रपिता " महात्मा गाँधी " को भी एक अंग्रेज ने " Black-Indian " कहकर संबोधित किया था और ट्रेन से बाहर कर दिया था ! दक्षिण अफ्रीका में काले गोरे की " रंगभेद नीति " को खत्म करने के लिए " नेल्सन मंडेला " को कड़ा संघर्ष करना पड़ा और कई बर्षों तक अपना जीवन जेल की चारदीवारी में गुजारना पड़ा , और कड़े संघर्ष के बाद उन्होंने सफलता हांसिल की और एक दिन दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के पद तक पहुंचे ! अगर काले रंग को इतनी बुरी नजर से ना देखा जाता तो। ....... खैर 
जिस तरह किसी सिक्के के दो पहलू होते हैं ठीक उसी तरह इस रंग के भी दो पहलु हैं , जहाँ इस रंग में इतनी बुराई है तो वहीँ कुछ अच्छाई भी है ! आसमान में काले रंग के बादल देख किसानों के चेहरों खिलना, यह काले रंग के बादल किसानों के लिए सुख समृधि लाते हैं ! हिन्दू धर्म में काले रंग को बुरी नजर से बचाने वाला रंग भी माना जाता है , जहाँ लोग अपने घरों पर बुरी नजर से बचने के लिए काले रंग की चप्पल और ना जाने कितनी तरह की चीजें टांगते हैं, तो वहीँ माताएँ अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने ले लिए काले रंग का टीका लगाती हैं ! काला रंग कभी फक्र महसूस करता है तो कभी शर्मिंदगी , हम इंसानों ने ही सभी रंगों को परिभाषित किया है , उनकी अच्छे बुरे की पहचान हमने ही दी है , उन्हें नाम और बदनाम हमने ही किया है ! 

होली के हुड़दंग में सभी  रंगों को समान दृष्टि से देखते हुए , इस भाईचारे के पर्व को प्रेम-पूर्वक , हँसी - ख़ुशी , परिवार यार-मित्रों के साथ आनद के साथ मनाइये। ....... और बोलिए 

हैप्पी होली ……..................हैप्पी होली ………………………… हैप्पी  होली

धन्यवाद 

संजय कुमार 

Wednesday, February 18, 2015

आओ थोड़ा सा " Selfie " थोड़ा सा " Selfish " होलें ................ >>>> संजय कुमार

आज जमाना तो सेल्फ़ी का है , जिसे देखो सेल्फ़ी लेने में लगा हुआ है, कभी अपनी तो कभी अपनों के साथ ,तो कभी यार दोस्तों के साथ , कोई अपनी जान जोखिम में डालकर टॉवर पर चढ़ जाता है , तो कोई हवाई जहाज से लटक जाता है ! आजकल सेल्फ़ी ने हमारे बीच एक वायरस का रूप ले लिया है , मॉर्डन तकनीक का जमाना है भाई , हमें उसके साथ चलना चाहिए , अगर नहीं चले तो हमारी गिनती पिछड़े हुए लोगों में हो जाएगी , हमें इसकी परवाह है , फिर चाहे ज़माने के साथ चलने के लिए हमें सेलफिश ही क्यों ना होना पड़े ? 

आज के वातावरण में एक ऐसा वायरस (कीटाणु) हमारे बीच रच बस गया है जिसे हम सभी बहुत अच्छी तरह से वाकिफ हैं , सेल्फिश " स्वार्थ  " जिसने इंसान से उसकी इंसानियत को उससे छीन लिया और उसे बना दिया सिर्फ नाम का इंसान ! स्वार्थ नाम का ये कीटाणु लगभग हर इंसान के अन्दर पाया जाता है , क्योंकि इंसान एक-दुसरे को देखकर तुरंत इस वायरस की गिरफ्त में आ जाता है ! जिस किसी के अन्दर यह कीटाणु नहीं है, वह इन्सान इस दुनिया में रहने के लायक नहीं है या फिर वो इस दुनिया का नहीं है , क्योंकि स्वार्थ के बिना तो आज के इंसान का कोई वजूद ही नहीं हैं ! अगर हम अपने अंतर्मन में झांककर देखें तो हम सभी , कभी न कभी , कहीं ना कहीं किसी चीज को लेकर स्वार्थी जरूर हुए हैं ! अपने या अपनों के सुख के लिए , कभी दूसरों को तकलीफ पहुँचाने के लिए, तो कभी खुद को तकलीफ से बचाने के लिए , मन स्वार्थी जरूर हुआ होगा ! सच तो ये है कि यह बात किसी को भी बुरी लग सकती है , लेकिन यह भी प्रकृति का बनाया एक नियम ही हैं ! कुछ लोग कुछ चीजों को स्वार्थ का नाम देते हैं , उसके जबाब में कुछ लोग उसे अपनी मजबूरी का नाम देते हैं ! स्वार्थ नाम का कीटाणु इंसान  के अन्दर इस तरह घर कर गया हैं , जैसे वह कोई पराया नहीं अपना खून का रिश्ता हो जैसे ( आज तो कई जगह खून के रिश्तों का खून हो जाता है ) कई बार ऐसा लगता है कि , जैसे इंसान को जिन्दा रहने के लिए " ऑक्सीजन " की आवश्यकता होती है ठीक वैसे ही स्वार्थ के कीटाणु की , किन्तु अब यह  कीटाणु दीमक की तरह इंसान को और उसकी इंसानियत को अन्दर ही अन्दर खोखला कर रहा है !


स्वार्थ अब सब पर भारी " माँ-बाप " अपने स्वार्थ के लिए बच्चों के साथ गलत कर रहे हैं , बच्चे अपने स्वार्थ के लिए अपने माँ-बाप के साथ गलत कर रहे हैं ! आज कई परिवारों में इस स्वार्थ नाम के कीटाणु का बोलबाला हैं ! आज कई घर इसके कारण बर्वाद  हो रहे हैं ! आजकल सच्ची दोस्ती में भी स्वार्थ नाम का कीटाणु घुस गया है ! देश को चलाने बाले बड़े बड़े नेता, मंत्रीगण और आला अधिकारी जब अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए देश के साथ खिलवाड़ करते हैं तो उसका परिणाम इस देश की आम जनता को भुगतना पड़ता है ! नक्सलवाद हो या आतंकवाद , जातिवाद - धर्म -मजहब को लेकर  सड़कों पर बहने वाला निर्दोषों का खून ……… सब कुछ , कुछ स्वार्थी लोगों के कारण ! आज देश के कई महान साधु -संत, मौलवी -फ़कीर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए देश में अधर्म की आग फैला कर अराजकता का माहौल पैदा कर अपने ही भाइयों को आपस में लड़ा कर , अपनी रोटीयाँ सेंक रहे हैं ! हमारे ग्रन्थ और पुराण , हमारा इतिहास तक नहीं बच पाया तो फिर हम जैसे आम इंसानों का क्या अस्तित्व हैं ! इतिहास में ऐसे कई गद्दार थे जिनके स्वार्थ के कारण देश के कई वीर योद्धाओं को अपने प्राण तक गंवाने पड़े ,सब कुछ स्वार्थ के कारण !

स्वार्थ अगर देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए हो तो अच्छा है ! किसी भूखे की भूख मिटाने के लिए हो--- तो अच्छा है ! रोते हुओं के आंसू पोंछने के लिए हो ----तो अच्छा है ! आपके स्वार्थ से किसी का भला हो---- तो अच्छा है ! इन सब के लिए इंसान का स्वार्थी होना अच्छा है ! आओ यहाँ थोड़ा सा " Selfie " थोड़ा  सा  " Selfish " होलें !

इस देश में आजकल कई वायरस आपको अपनी गिरफ्त में लेने के लिए तैयार खड़े हैं ! सावधानी रखिये और कई खतरनाक वायरसों से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा कीजिये ! ( स्वाईन फ्लू जानलेवा नहीं, स्वार्थ जानलेवा है )

धन्यवाद 

Saturday, January 24, 2015

गणतंत्र - दिवस , " मेरा भारत महान " सोने की चिड़ियाँ " .............शुभ-कामनाएं ......>>>संजय कुमार

सभी मित्रों , साथियों एवं देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई , ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं ! इस एक दिन के राष्ट्रीय पर्व पर हम अपने दिलों में राष्ट्र-प्रेम की भावना जाग्रत कर सकते हैं ! इस एक दिन के पर्व को आप बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मना सकते हैं ! एक दिन के लिए ही सही हमें अपने दिलों में देशभक्ति का जज्बा भर लेना चाहिए और विरोधी ताकतों , देश के दुश्मनों को ये अहसास दिला देना चाहिए कि , हम आज भी अपने देश के लिए मर मिटने को सदैव तैयार रहते हैं ! हम सभी भारतीय जिस एकता - अखंडता , सभ्यता - संस्कृति - समर्पण  के लिए पूरे विश्व में जाने जाते हैं , वो बात आज भी हमारे बीच मौजूद है और जिसे कोई तोड़ नहीं सकता , सच कहूँ तो देश के ठेकेदार , धर्म के ठेकेदार आज ऐसी कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं हमारी एकता , अखंडता को खत्म करने की, इसलिए हमारे दिलों में राष्ट्र-प्रेम का जज्बा सिर्फ एक दिन के लिए ही नहीं बल्कि जीवन पर्यंत तक हम भरतीयों में होना चाहिए ! आज हमारे देश के जो हालात हैं वो किसी से छुपे नहीं हैं !  जहाँ एक ओर भारत विकास की ओर  अग्रसर है तो वहीँ  कुछ गैर पेशेवर ताकतें इस देश की धार्मिक सम्प्रदाओं को नुक्सान पहुँचाने की नाकाम कोशिशों में लगे हुए हैं ! कभी फिल्मों, गीतों का सहारा लेकर तो कभी कार्टून, पोस्टर आदि का सहारा लेकर हम आम लोगों के बीच ( धार्मिक ) नफरत का बीजारोपण  कर रहे हैं ! हालातों का फायदा उठाकर हमें जाति - धर्म - संप्रदाय के नाम पर लड़ाकर अपनी रोटियां सेंकना चाहते  हैं ! क्या आप ऐसा होने देंगे ...? हमारे बीच अपनों के लिए एक नफरत की गहरी खाई खोदना चाह रहे हैं ! क्या आप ऐसा होने देंगे ....?  हम सच्चे भारतीय इस बात को भलीभाँति से जानते हैं और इसीलिए हम किसी के बहकावे में नहीं आते, हम सभी आज की गन्दी और ओछी राजनीति से भली-भांति परिचित है कि , आखिर वो क्या चाहती है ?  इसलिए हमारे सब्र का पैमाना किसी के तोड़ने से नहीं टूटता ! हम जानते हैं कि आज देश के बड़े राजनीतिज्ञ , बड़े धर्माधिकारी , संप्रदाय प्रमुख अपने घटिया बयानबाजी  से इस देश के माहौल को और ख़राब कर रहे हैं या कर सकते हैं , किन्तु हमें  फिर भी बहुत संयम रखना होगा समझदारी का परिचय देना होगा और दुश्मन ताकतों को ये बताना होगा की हमारे लिए इस राष्ट्र से बढकर कोई और नहीं , क्योंकि हमने इस देश की मिटटी में ही जन्म लिया है और अपना बचपन यहीं बिताया है , इस देश में रहकर ही हमने अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण किया है ,हमें नाम , शोहरत और इज्जत इसी देश में अर्जित की है ! इसलिए ये राष्ट्र हम सभी के लिए प्रथम है उसके बाद अन्य ... हमें अपने सभी देशवासियों में राष्ट्र - प्रेम की भावना को जगाना होगा और ये जिम्मेदारी हम सभी की है ! हम सभी बचपन से लेकर बुढ़ापे तक सभी जिम्मेदारियों का निर्वाह , अपने कर्तव्यों का पालन जिस तरह करते हैं ठीक उसी तरह इस राष्ट्र के प्रति भी हमारी कुछ जिम्मेदारी और कर्तव्य हैं जिनके प्रति हम शायद ही कभी सोचते हैं या कुछ करते हैं ..... अगर आज देश का हर नागरिक देश के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करने लगेगा अपनी जिम्मेदारी देश के प्रति समझेगा तो समझ लीजिये मेरे देश जैसा शायद ही कोई देश हो ! ., .... सच तो ये है ,जो देश " सोने की चिड़िया " कहलाता था , " मेरा भारत महान "  शायद ऐसा पहले था , किन्तु "" चिड़ियाँ अब उड़ चुकी हैं और सोना " भ्रष्टाचारियों " की तिजोरियों में ""   
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क्या आप नहीं चाहेंगे की  फिर से  " मेरा भारत महान "  ये देश फिर से " सोने की चिड़ियाँ " बने ....... तो फिर हमें अपने अन्दर राष्ट्र-प्रेम की भावना को ऐसे प्रज्वालित करना  होगा जो किसी भी आंधी-तूफ़ान के बुझाये ना बुझ सके !  परिवार , समाज , शहर , राज्य और देश जब हमारा है तो कैसे हम इसका विघटन होने देंगे , देश के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है ! क्या हम सभी अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे ?

 हम सभी देशवासियों के लिए ये दिन सिर्फ २६ जनवरी का दिन ना होकर " राष्ट्रीय पर्व " का दिन होना चाहिए ! 


आप सभी को गणतंत्र - दिवस राष्ट्रीय पर्व की बहुत बहुत बधाई ढेरों -अनेकों शुभ-कामनाएं

 " जय-हिंद " वन्दे-मातरम्  " जन-गण -मन  "

धन्यवाद 
संजय कुमार 

Wednesday, December 31, 2014

Happy New Year 2015 नवबर्ष की ढेरों -अनेकों शुभ-कामनाएं ..........>>> संजय कुमार

आप  सभी साथियों को एवं परिवार के सभी सदस्यों को नवबर्ष 2015 की हार्दिक बधाई , ढेरों अनेकों शुभ-कामनाएं ! आने वाला बर्ष आप सभी के जीवन में नयी उमंग-तरंग और ढेरों  खुशियाँ लेकर आये ! आप सभी परिवार सहित स्वस्थ्य रहें, मस्त रहें , एवं सफलता के नए आयाम स्थापित करे, गुजरे बर्ष  के अच्छे ,खुशनुमा पलों को याद कर , बुरे वक़्त को भुलाकर , आने वाले नवबर्ष २०१5 का स्वागत करें ! हमें उन अच्छे पलों को याद करते हुए आगे बढ़ना है जो हमें उत्साहित करते हैं और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं ! हमें अपनी पिछली गलतियों से सबक लेना होगा , अपनी भूलों को सुधारना होगा , अपने अनुभवों और ज्ञान को बांटना होगा और आने वाले बर्ष में सफलता अर्जित करने के लिए तत्पर रहना होगा ! हमें आदर्श स्थापित करना होंगे , कदम - कदम पर चुनौतियाँ हमारा रास्ता रोकेंगी , हमें उनका सामना और समाधान बड़ी ही सूझ-बूझ और कड़े परिश्रम से करना होगा ! 
हमें अपने आपको पूर्ण ( इंसान ) बनाने के लिए , व्यक्तित्व में निखार लाने के लिए हमें अपने जीवन में अपने कुछ सिद्धांत बनाने होंगे और उन पर सिद्धांतों का पालन करने के लिए पूर्ण ईमानदारी के साथ द्रण रहना होगा ! 
सतर्क रहिये , सचेत रहिये तभी हम सब सलामत और सुरक्षित हैं !



आप सभी परिवार सहित इस नव-बर्ष २०१५ का हर्ष और उल्लास के साथ स्वागत कीजिये ,

एक बार फिर से आप सभी को नवबर्ष की ढेरों -अनेकों शुभ-कामनाएं


धन्यवाद
संजय कुमार