हम भारतवासी अंग्रेजों से अपनी आजादी की ६८ बीं सालगिरह का जश्न मना रहे हैं ! आजादी के इस पर्व को मनाने के लिए हम उन सभी वीर-सपूतों , क्रांतिकारियों , स्वतंत्रता सेनानियों को शत शत नमन करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों का वलिदान देकर इस मातृभूमि को अंग्रेजी सरकार से आजाद कराया था !
१९६१ में आई दिलीप साहब - वैजन्ती मालाजी की फिल्म " गंगा -जमुना " का ये गीत " इंसाफ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के , ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के " .... पिछले ५३ सालों से लगातार हम इस गीत को सुनते आ रहे हैं , और आगे भी सुनते रहेंगे , सिर्फ और सिर्फ स्वतंत्रता -दिवस, गणतंत्र -दिवस , गांधी जयंती और ऐसे ही किसी अन्य " राष्ट्रीय पर्व " पर ! पिछले ३०-४० सालों में हमारे देश की राजनीति में जो तेजी से बदलाव आये हैं वो हमारे लिए एक चिंतनीय विषय है ! जिस तरह की राजनीति आज हमारे देश में चल रही है , उससे इस देश का कम नेताओं का भला कुछ ज्यादा हो रहा है ! हंगामा , विरोध , बयानबाजी , स्तरहीन शब्दों का प्रयोग , धर्म-मजहब , हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा , पक्ष -विपक्ष का गैर जिम्मेदार रवैया , संविधान का मजाक , कानून से खिलवाड़ ये सभी आज की गन्दी राजनीति का एक अहम हिस्सा है , इसके बिना शायद ही हम आज के नेता और राजनीति की कल्पना कर सकें ! पिछले ३०-४० दशकों में इस देश में जो भ्रष्टाचार , घोटाले और जनता के साथ विश्वासघात हुए हैं उसे देखते हुए आज देश की जनता में नेताओं और राजनीति को लेकर एक अविश्वास का माहौल व्याप्त है ! लेकिन ये भी सच है कि , पिछले कुछ बर्षों में देश की राजनीति में " युवाओं " का आगमन बहुत तेजी से हुआ है शायद इस देश का युवा जाग्रत हो गया है और जो इस देश से भ्रष्ट और गन्दी राजनीति का सफाया कर सके , या फिर अपनी आधुनिक और युवा सोच से भ्रष्ट राजनीति में कोई बदलाव ला सके ! या फिर आज का युवा राजनीति में अपना भविष्य सिर्फ पावर , अत्यधिक पैसा और ऐशो-आराम के लिए देख रहा है ! खैर ये तो वक़्त बताएगा कि , आज का युवा कितना शशक्त और जिम्मेदार है ! सच तो ये है कि , आज भी हिंदुस्तान का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसे युवाओं का है जो इस देश के नेताओं और राजनीति से कोई सरोकार नहीं रखती , बल्कि राजनीति को बहुत ही घृणित दृष्टि से भी देखती है , ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि ऐसे कई युवाओं का इस्तेमाल देश के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं " Use & Throw " कई बार ऐसे युवा भ्रष्ट राजनीति का शिकार भी हुए हैं जिनसे उनके भविष्य पर एक प्रश्न-चिन्ह सा लग गया !
आज के बच्चे और युवा आने वाले कल का भविष्य हैं जो आगे चलकर इस देश की कमान संभालेंगे IAS-IPS , इंजीनियर , डॉक्टर , वैज्ञानिक, खिलाड़ी , और नेता बनकर इस देश का नाम विश्व स्तर पर रौशन करेंगे ! एक बड़ा सच ये भी है कि , आज कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को नेता बनने के लिए ना तो प्रेरित करता है और ना ही कोई प्रयास करता है , यहाँ तक की राजनीति के बारे बात तक नहीं करते , सिर्फ " राजनीतिक घरानों " में ऐसा होता है जहाँ सिर्फ " राजनीति " होती है और कुछ नहीं ……… हालांकि नेता बनने के लिए किसी भी प्रकार की शिक्षा और डिग्री की आवश्यकता नहीं होती बल्कि असली नेता तो जन्मजात होते हैं ! सच तो ये है की सच्चा नेता बनना तो एक जज्बा है जो समाज और देश के लिए कुछ करने के लिए दिल से पैदा होता है ! अगर इस देश की तस्वीर बदलनी है , इस देश में फैले भ्रष्टाचार , बेईमानी , घूसखोरी को खत्म करना है , इस देश में फैले धर्मों के वर्गीकरण , जात -पात का भेद , धर्म के नाम पर बहने वाले खून को यदि रोकना है , दहेज़ प्रथा , कुप्रथा ,तंत्र-मन्त्र के नाम पर दी जाने वाली मासूमों की बलि , समाज में व्याप्त बुराईयों को खत्म करना है तो युवाओं को आगे आना होगा और अपने समाज और देश के लिए तन मन से अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देना होगा !
क्योंकि ……………ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के ………
१९६१ में आई दिलीप साहब - वैजन्ती मालाजी की फिल्म " गंगा -जमुना " का ये गीत " इंसाफ की डगर पे बच्चों दिखाओ चल के , ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के " .... पिछले ५३ सालों से लगातार हम इस गीत को सुनते आ रहे हैं , और आगे भी सुनते रहेंगे , सिर्फ और सिर्फ स्वतंत्रता -दिवस, गणतंत्र -दिवस , गांधी जयंती और ऐसे ही किसी अन्य " राष्ट्रीय पर्व " पर ! पिछले ३०-४० सालों में हमारे देश की राजनीति में जो तेजी से बदलाव आये हैं वो हमारे लिए एक चिंतनीय विषय है ! जिस तरह की राजनीति आज हमारे देश में चल रही है , उससे इस देश का कम नेताओं का भला कुछ ज्यादा हो रहा है ! हंगामा , विरोध , बयानबाजी , स्तरहीन शब्दों का प्रयोग , धर्म-मजहब , हिन्दू-मुस्लिम मुद्दा , पक्ष -विपक्ष का गैर जिम्मेदार रवैया , संविधान का मजाक , कानून से खिलवाड़ ये सभी आज की गन्दी राजनीति का एक अहम हिस्सा है , इसके बिना शायद ही हम आज के नेता और राजनीति की कल्पना कर सकें ! पिछले ३०-४० दशकों में इस देश में जो भ्रष्टाचार , घोटाले और जनता के साथ विश्वासघात हुए हैं उसे देखते हुए आज देश की जनता में नेताओं और राजनीति को लेकर एक अविश्वास का माहौल व्याप्त है ! लेकिन ये भी सच है कि , पिछले कुछ बर्षों में देश की राजनीति में " युवाओं " का आगमन बहुत तेजी से हुआ है शायद इस देश का युवा जाग्रत हो गया है और जो इस देश से भ्रष्ट और गन्दी राजनीति का सफाया कर सके , या फिर अपनी आधुनिक और युवा सोच से भ्रष्ट राजनीति में कोई बदलाव ला सके ! या फिर आज का युवा राजनीति में अपना भविष्य सिर्फ पावर , अत्यधिक पैसा और ऐशो-आराम के लिए देख रहा है ! खैर ये तो वक़्त बताएगा कि , आज का युवा कितना शशक्त और जिम्मेदार है ! सच तो ये है कि , आज भी हिंदुस्तान का एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसे युवाओं का है जो इस देश के नेताओं और राजनीति से कोई सरोकार नहीं रखती , बल्कि राजनीति को बहुत ही घृणित दृष्टि से भी देखती है , ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि ऐसे कई युवाओं का इस्तेमाल देश के नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं " Use & Throw " कई बार ऐसे युवा भ्रष्ट राजनीति का शिकार भी हुए हैं जिनसे उनके भविष्य पर एक प्रश्न-चिन्ह सा लग गया !
आज के बच्चे और युवा आने वाले कल का भविष्य हैं जो आगे चलकर इस देश की कमान संभालेंगे IAS-IPS , इंजीनियर , डॉक्टर , वैज्ञानिक, खिलाड़ी , और नेता बनकर इस देश का नाम विश्व स्तर पर रौशन करेंगे ! एक बड़ा सच ये भी है कि , आज कोई भी माता-पिता अपने बच्चों को नेता बनने के लिए ना तो प्रेरित करता है और ना ही कोई प्रयास करता है , यहाँ तक की राजनीति के बारे बात तक नहीं करते , सिर्फ " राजनीतिक घरानों " में ऐसा होता है जहाँ सिर्फ " राजनीति " होती है और कुछ नहीं ……… हालांकि नेता बनने के लिए किसी भी प्रकार की शिक्षा और डिग्री की आवश्यकता नहीं होती बल्कि असली नेता तो जन्मजात होते हैं ! सच तो ये है की सच्चा नेता बनना तो एक जज्बा है जो समाज और देश के लिए कुछ करने के लिए दिल से पैदा होता है ! अगर इस देश की तस्वीर बदलनी है , इस देश में फैले भ्रष्टाचार , बेईमानी , घूसखोरी को खत्म करना है , इस देश में फैले धर्मों के वर्गीकरण , जात -पात का भेद , धर्म के नाम पर बहने वाले खून को यदि रोकना है , दहेज़ प्रथा , कुप्रथा ,तंत्र-मन्त्र के नाम पर दी जाने वाली मासूमों की बलि , समाज में व्याप्त बुराईयों को खत्म करना है तो युवाओं को आगे आना होगा और अपने समाज और देश के लिए तन मन से अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देना होगा !
क्योंकि ……………ये देश है तुम्हारा नेता तुम्हीं हो कल के ………
एक बार फिर से मैं आप सभी को " स्वतंत्रता दिवस " की ढेर सारी बधाइयाँ और शुभ-कामनाएं देता हूँ !
जय हिन्द …… वन्दे मातरम् ……… इन्कलाब जिन्दाबाद …… जय हिन्द
धन्यवाद
संजय कुमार