Saturday, August 1, 2015

हम और हमारे मित्र …… शुभकामनाएं ( Happy-Friend-Ship Day ) …...>>> संजय कुमार

हम सभी के जीवन में एक दोस्त की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती हैं ! सच्ची दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो इंसान के किसी भी रिश्ते पर भारी पड़ सकता है ! आजकल तो " Facebook - What'sUp " हमारे सभी रिश्तों पर भारी पड़ रहे हैं , कारण आज हमारे जीवन में इंसानी प्रेम और रिश्तों से ज्यादा महत्व इन आधुनिक साधनों का होना , आजकल हमारी दोस्ती अपनों से कम इन मशीनी उपकरणों से ज्यादा है और इसका  कारण भी हम ही हैं शायद, और  निवारण भी , किन्तु क्या ये संभव है ? नहीं ……… क्योंकि हमने अब इसे अपनी दिनचर्या और जरुरत का साधन मान लिया है ! आज इस स्वार्थी दुनिया में हम सिर्फ अपने मतलब के लिए दोस्त चुनते हैं  ! क्यों .... हमारे अंदर से अपनापन का भाव धीरे धीरे क्षीण होता जा रहा है ! अगर दोस्ती के मायने समझो तो बहुत कुछ है , और यदि नहीं समझे तो कुछ नहीं , सिर्फ हाड़ - मांस के बने पुतले हैं हम ! रिश्ता माता-पिता का हो या भाई-बहन का, रिश्ता पति-पत्नि का हो या माँ-बेटे , माँ - बेटी , पिता-पुत्र - पिता -पुत्री का ये अमिट रिश्ते हैं ! किन्तु कई बार यह भी देखा गया है कि, एक सच्चे दोस्त को इन सब रिश्तों में कहीं ज्यादा मान सम्मान दिया गया है ! इसलिए इस रिश्ते को सबसे बड़ा माना जाता है ! यह जरूरी नहीं कि, दोस्त कोई आपके घर के बाहर का हो , वह दोस्त आपके परिवार का कोई भी सदस्य हो सकता है , या फिर सभी सदस्य भी अच्छे दोस्त साबित हो सकते हैं ! एक माँ अपने बच्चे की सबसे अच्छी दोस्त होती है जो उसका हमेशा ध्यान रखती है , उसको गलत राह पर जाने से रोकती है और उसमें अच्छे संस्कारों का बीज रोपित करती है, अच्छे बुरे का ज्ञान कराती है , हर वक़्त उसका ध्यान रखती है और बच्चा भी माँ को एक दोस्त के रूप में लेता हैं और अपनी सारी परेशानी और समस्याएं अपनी माँ के साथ बांटता है , और यह दोस्ती का रिश्ता माँ-बेटे के रिश्ते से कहीं बड़ा होता है ! अगर बचपन में माँ बेटे का रिश्ता एक दोस्त के रूप में बनता है तो यह रिश्ता जीवन भर चलता है और  बच्चा बड़ा होकर भी अपनी बहुत सारी बातें माँ के सामने रखता है और माँ भी उसे सही राह बताती है ! एक पिता भी अपने बच्चे का अच्छा दोस्त होता है वह अपने बच्चे को घर के बाहर की दुनिया के बारे में बताता हैं , सामाजिक, देश और विश्व स्तर पर होने वाली सभी ऊँच -नीच , सच- झूंठ , अच्छा -बुरा , बुरी ताकतों से लड़ने और सही दिशा में कार्य करने की सीख प्रदान करता है ,और साथ साथ उन सभी बुराइयों से उन्हें बचाता है जो उसके बच्चे के वर्तमान और भविष्य लिए हानिकारक हैं ! हमारे पास परिवार के सदस्यों के अलावा बाहर की दुनिया में भी एक अच्छा दोस्त होना बहुत आवश्यक होता है ! आज इंसान का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा हुआ है और ऐसे में एक मित्र का महत्व हमारे लिए ठीक उस तरह है जिस तरह शुद्ध वायु इन्सान के जीवन के लिए अमृत है  , इसीलिए एक सच्चा मित्र किसी जीवनदायक अमृत से कम नहीं है ! आज जिस तरह का वातावरण हमारे आस-पास निर्मित हैं , जहाँ एक-दूसरे पर विश्वास करना बड़ा मुश्किल हैं, जहाँ कोई भी किसी को कभी भी धोखा दे सकता है , अपना बनाकर  हमारी पीठ में छुरा घोंप सकता है , फिर चाहे ऐसे लोग हमारे अपने सगी सम्बन्धी ही क्यों ना हों , इसलिए ऐसे जटिल समय में हम सभी को एक सच्चे दोस्त की आवश्यकता होती है , जो किसी भी हालात और परिस्थियों में हमारी मदद करने को तैयार रहता है और हमें गलत राह पर जाने से रोकता है ! हमारा  सच्चा दोस्त बही होता है जो बिना किसी मतलब के अपनी दोस्ती को निभाता है ! आज जिन लोगों के पास कोई सच्चा मित्र नहीं हैं वह इंसान  इस भीड़ भरी दुनिया का सबसे अकेला प्राणी हैं और उसके लिए दुनिया की कोई भी ख़ुशी बिना दोस्त के अधूरी हैं ! " क्योंकि खुशियां बांटने से बढ़ती हैं और दुःख बांटने से कम होता है "  किन्तु ये भी आजकल हम सभी के नजरिये पर निर्भर करता है ( आजकल लोग खर के कमरों में खुशियां और गम छुपाया करते हैं ) ! एक सच्चा मित्र अपनी सूझ-बूझ से हर वक़्त हमें गलत राह पर जाने से रोकता है, मुसीबत के समय ढाल बनकर हमारी रक्षा करता हैं ! आपके जीवन में अगर अच्छा दोस्त नहीं है  तो कुछ भी नहीं है ! हम सभी ने दोस्ती और मित्रता के सेकड़ों किस्से और कहानियां सुनी हैं जैसे  " राम-सुग्रीव " की मित्रता " कृष्ण -सुदामा " की मित्रता , जिसमे मित्रता के लिए सच्चे समर्पण को देखा गया है , जहाँ उंच-नीच, जात-पात, छोटा-बड़ा, अमीर-गरीब, राजा-रंक जैसी छोटी सोच का कोई स्थान नहीं था , किन्तु जैसे -जैसे कलियुग की शुरुआत हुई , इंसान के दिलों में नफरत की भावना ने जन्म लिया, बुराइयाँ अपने चरम पर पहुंची , जहाँ मित्र की पहचान अपने बराबर के लोगों में की गयी , उंच-नीच का भाव दिलों में भरा गया ,जब से हम अमीर-गरीब का फर्क देखने लगे तब से मित्रता का सच्चा स्वरुप ही कहीं खो गया है या पूरी तरह बदल गया है ! वर्तमान परिवेश में ऐसा लगता है जैसे सच्ची मित्रता कहीं खो गयी है , इसीलिए तो अब मित्रता के उदाहरण देखने को नहीं मिलते , यदि मिलते भी हैं तो वो अब अपवाद हैं ! शायद इसके पीछे हम इंसान  ही हैं जो सही मित्र की पहचान नहीं कर पाते और यदि करते भी हैं तो सच्ची मित्रता निभा नहीं पाते , जिसका खामियाजा भी हम लोगों को ही उठाना पढ़ता है ! आज ऐसे कई उदाहरण हमारे पास हैं जो सही मित्र और मार्गदर्शक ना मिल पाने के कारण अपनी सही राह से भटक गए हैं और बुराई के उस मुकाम तक पहुँच गए जहाँ कोई भी आम इंसान जाना नहीं चाहता ! क्योंकि एक सच्चा मित्र हमारा बहुत बड़ा शुभचिंतक और मार्गदर्शक होता है ! या तो विश्वास नहीं करते और करते हैं तो जरुरत से ज्यादा , हमें हमेशा अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए ! 
एक इंसान के जीवन के साथ कई लोग जुड़े होते हैं वो मित्र, शत्रु कोई भी हो सकता है ! किन्तु मैं आपको इंसान के उन अभिन्न मित्रों के बारे में भी बता रहा हूँ जो इंसान के सिर्फ सच्चे मित्र होते हैं और जो हर स्थिती - परिस्थिति में सिर्फ और सिर्फ इंसान का भला ही करते हैं , किन्तु इंसान उनके साथ कभी भी सच्ची मित्रता नहीं निभाता इसलिए मजबूर होकर ये आज इंसान से उसकी इस करनी का बदला भी ले रहे हैं ! एक इंसान से बदला आखिर कौन ले सकता है , कोई दूसरा इंसान , नहीं और भी हैं जो इंसान को उसके किये का प्रतिफल समय समय पर दे रहा  है ! जी हाँ मैं  बात कर रहा हूँ  हमारे सच्चे दोस्त की ……… जी हाँ हमारे सच्चे दोस्त हैं  " प्रक्रति और पर्यावरण " जो सिर्फ हम इंसानों और इस पूरी कायनात की भलाई के लिए बने हैं , जो हर वक़्त हमारा भला करते हैं ! पेड़ - पौधे , नदियाँ , तालाब , पर्वत , घने जंगल - वन और सभी प्राकृतिक चीजें जो लाखों -करोड़ों बर्षों से एक सच्चे मित्र के रूप में हमारी सहायता कर रहे हैं ! किन्तु हम आज भी इनकी सच्ची मित्रता में बहुत पीछे हैं ! अगर हम इनकी मित्रता का १०% भी बापस कर पाये  तो शायद हम सच्चे मित्र कहलायेंगे ! यदि हम सच्ची मित्रता निभाते तो " भूकम्प - सुनामी - बाढ़ - तूफ़ान - भीषण गर्मी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना अब यूँ हर रोज ना करना पड़ता ! 


क्या आप सच्चे मित्र बनेंगे  ? क्या आप सच्ची मित्रता निभाएंगे ? क्या आप सच्ची मित्रता का मोल चुकायेंगे ? यदि हाँ तो आप कहलायेंगे सच्चे मित्र ! 
आगे बढ़िये और निभाइए सच्ची मित्रता का फर्ज और महसूस कीजिये सच्ची अनुभूति  ?

आप सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं ढेरों शुभकामनाएं

( Happy-Friend-Ship Day )

धन्यवाद 

9 comments:

  1. मित्रता दिवस की सभी मित्रों को बधाई,मित्र न हो तो शायद दुनिया रंगहीन हो जाये.

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  2. बिलकुल सही है कि मित्र की सही पहचान होना जरूरी है ..... एक बेहतरीन सामयिक आलेख ...
    शुभकामनाएँ

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  3. मित्रता दिवस की बधाई

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  4. Sundar prerak upyogi JAY HIND JAY BHARAT

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  5. आपकी लेखनी बहुत बहुत ही उम्दा हो गयी है जो हमें बहुत ही सहजता से अपने विषय को बताते बताते एक अलग मक़ाम को छू लेते हैं , जिसे शुरूआती शब्दों में ही ढाल दिया जाय तो शायद समझना मुश्किल व बोझिल हो सकता है , बेहतरीन लेख आपको हार्दिक शुभकामनायें संजय भाई जी।

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  6. सुन्दर!प्रेरक!अर्थपूर्ण लेख! बधाई हो!

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  7. सही समय आने पर जो उचित कार्य किया जाता हैं शायद उसे ही मित्रता कहते हैं जो आपके स्वभाव में ही हैं। मित्रता दिवस की शुभकामनाएं।
    परमेश्वर वेलेकर

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  8. I would be fantastic if you could point me in the direction of a good platform.

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