अरे नहीं...... नहीं...... नहीं ..... भई , मुझे ना तो हार्ट अटैक आया है और ना ही मैं कोई ब्लड प्रेसर का मरीज हूँ और ना ही मैं बीमार हूँ ! दर्द मेरे सीने में नहीं है, ये तो मैं आजकल हमारे देश के नेताओं की हालत को देखते हुए लिख रहा हूँ ! हाँ भई आजकल हमारे देश के सभी छोटे - बड़े राजनेताओं को सीने में दर्द की शिकायत है ! ( सीने में दर्द की शिकायत है , या फिर जेल में ना रहने की शिकायत है ) " २ जी " घोटालेबाज , राष्ट्रमंडल खेल आयोजन कर्ता घोटालेबाज , जमीन घोटालेबाज , संसद में वोट के बदले नोट , में शामिल घोटालेबाज , कर्णाटक में जमीन और खदान में शामिल घोटालेबाज , सोने की कुर्सियों पर बैठने वाले बंधू , सत्यम कंप्यूटर का घोटालेबाज , ऐसे हजारों घोटालेबाज हैं ! अब मैं थक गया हूँ और घोटालेबाजों का नाम लिखते लिखते , अगर मैं सभी का नाम लिखने बैठूंगा तो शायद २-३ दिन और लग जाए और लिखते - लिखते कहीं मेरे सीने में ही दर्द ना होने लगे ! क्योंकि अब तो हर दिन एक नया घोटाला हमारे सामने उजागर हो रहा है ! हाँ मैं बात कर रहा था सीने में दर्द की शिकायत का , ये देश के सभी नेताओं में पाया जाता है ! आज तक जो भी बड़ी हस्ती जेल गयी है उसे जेल जाते वक़्त या फिर जेल में पहुँचने के साथ ही ये शिकायत १०० % हुई है ! पिछले ५-१० सालों का रिकार्ड उठाकर देख लीजिये हर बड़ा राजनेता , आला अधिकारी , या फिर इस देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी जो भी हो , जब पहली बार जेल गया तो उसे सीने में दर्द अवश्य हुआ है ! देश के छोटे-मोटे गुनाहगार ( विचाराधीन कैदी ) जो जेल में बर्षों से सड़ रहे हैं , शायद ही उन्हें कोई शिकायत हुई हो या उनके सीने में भी कभी दर्द हुआ हो , किन्तु हमारे देश के भ्रष्टाचारी अरबों - खरबों का घोटाला करने वाले , गुनाह करने वाले , गुनाह करने के बाद यदि एक बार पकडे जाते हैं और उन्हें जेल जाना पड़ता है तो कुछ को तो जेल ले जाते वक़्त ही और ही और कुछ को जेल पहुंचकर , उनके सीने में दर्द होना शुरू हो ही जाता है ! जेल से बचने का ये राम बाण देश के हर बड़े नेता को मालूम है ! इसके विपरीत अगर दर्द की परिभाषा पर थोडा सा गौर कीजिए ! आज दर्द तो देश की आम जनता की सीने में है जो देश के भ्रष्टाचारियों से पीड़ित है ! आज दर्द तो गरीब जनता के सीने में है जिनका हक जिनके लिए चलाई जाने वाली सेंकडों योजनाओं का फायदा देश के छोटे - बड़े नेता और आला-अधिकारी उठा रहे हैं ! गरीबों को मिलने वाला अनाज आज देश के साहूकारों के गोदामों में भरा पड़ा है ! आज लाखों टन अनाज बिना बात के सड़ रहा है और दूसरी ओर देश में कुपोषण के शिकार मासूम दिन -प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं ! दर्द तो देश की रक्षा में शहीद जवानों की बिधवाओं के सीने में है , जो हमारे देश के नेताओं द्वारा ही दिया गया है ! ( आदर्श सोसायटी ) फिर भी एक आस लगाये बैठीं हैं ! दर्द तो देश के युवाओं के सीने में है जो गन्दी राजनीति का शिकार होकर अपने लक्ष्य से भटक कर गलत राह पर चल पड़े हैं ! दर्द तो उन ठुकराए हुए माँ-बाप के सीने में है जिन्होंने हर दुःख उठा कर अपने बच्चों का भविष्य बनाया और उन्ही बच्चों के कारण आज दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं ! इंसानी दर्द के किस्से अनेक हैं जो सच्चे हैं ! इस दर्द की दवा शायद किसी के पास नहीं है ! इस भ्रष्ट मायानगरी में , भ्रष्ट राजनीति में अभी अनेकों दर्द के किस्से सुनने को मिलेंगे ! और हम सब उस दर्द की सच्चाई से भलीभांति परिचित हैं !
आज मेरे सीने में दर्द है ! क्या आपके भी ?
धन्यवाद